Dil Pe Zakham Lyrics Hindi - Jubin Nautiyal
Song - Dil pe Zakham
Singer - Jubin Nautiyal
Original Singer - Nursat Fatheh Ali Khan
Lyrics - Manoj Muntashir
Music Composed - Rochak Kohli
Label - T- Series
Released - 28 January 2022
Dil Pe Zakham Lyrics
हस्ता हुआ ये चेहरा बस नज़र का धोखा है
तुमको क्या खबर कैसे इन आंसुओ को रोका है
हो तुमको क्या खबर कितना मैं रात से डरता हु
सौ दर्द जाग उठते है जब जमाना सोता है
हो तुमपे उँगलियाँ ना उठे इस लिए गम उठाते है
दिल पे ज़ख्म खाते है दिल पे ज़ख्म खाते है
और मुस्कुराते है
दिल पे ज़ख्म खाते है
और मुस्कुराते है
क्या बताये सीने में किस कदर दरारे है
हम वो है जो शीशों को टूटना सिखाते है
दिल पे ज़ख्म खाते है लोग हमसे कहते है
लाल क्यूँ है ये आंखे कुछ नशा किया है या
रात सोये थे कुछ कम
लोग हमसे कहते है लाल क्यूँ है
ये आंखे कुछ नशा किया है
या रात सोये थे
कुछ कम क्या बताये लोगो को
कौन है जो समझेगा रात रोने का दिल था
फिर भी रो ना पाए हम
दस्तके नहीं देते हम कभी तेरे दर ते
तेरी गलियों से हम यूँही लौट आते है
दिल पे ज़ख्म खाते है
कुछ समझ ना आये कुछ समझ ना आये हम
चैन कैसे पाये बारिशें जो साथ में गुज़री भूल कैसे जाए
कैसे छोड़ दे आंखे तुझको याद करना तू जिये तेरी खातिर
अब है कबूल मरना तेरे खत जला ना सके
इस लिए दिल जलाते है
दिल पे ज़ख्म खाते है
और मुस्कुराते है
हम वो है जो शीशों को टूटना सिखाते है
दिल पे ज़ख्म खाते है
और मुस्कुराते है
दिल पे ज़ख्म खाते है
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